हममे से अधिकांश लोग हाड वैद्य के पास तभी जाते हैं जब दर्द शारीरिक और मानसिक शांति को भंग कर देता है अन्यथा नहीं I दर्द कई प्रकार के होते हैं जिनमें से कुछ को सामान्यतः बर्फ से सेक करके ठीक नहीं किया जा सकता I अतः यह ध्यान देना आवश्यक है कि किस तरह के लक्षणों में हाड वैद्य से परामर्श की आवश्यकता है I आइये जानते हैं !
सिरदर्द
सिरदर्द कई कारणों से हो सकता है I यद्यपि पेशियों में तनाव भी प्राथमिक कारणों में से एक हो सकता है I जोड़ों में जलन या गर्दन अथवा रीढ़ की हड्डी खिसकना भी एक कारण हो सकता है I आजकल दिनचर्या ही ऐसी है कि पेशियों में तनाव के कारण सिरदर्द होना सामान्य समस्या बन गया है I लेकिन बहुत से लोग इसके होने के सही कारण का पता नहीं लगा पाते I
हाड वैद्य हमारी रीढ़ की हड्डी में समायोजन करके उस तनाव को दूर करता है जिसकी वजह से हमें सरदर्द हो रहा है I इससे रक्त संचार बढ़ता है और दिमाग को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन पहुँचने से दर्द में आराम मिलता है I
हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि प्रत्येक सरदर्द भिन्न होता है अतः कोई भी उपचार स्वयं करने से पहले चिकित्सक से परामर्श अवश्य लें I
रीढ़ की हड्डी के निचले भाग में दर्द
आपके काम का प्रकार, दिन में आप कितने समय तक खड़े रहते हैं, आपका खान-पान आदि सभी कारक रीढ़ की हड्डी के निचले भाग में दर्द के लिए उत्तरदायी होते हैं I यदि आपको रीढ़ की हड्डी में किसी भी तरह का दर्द होता है तब आपको हाड वैद्य के पास अवश्य जाना चाहिए I हाड वैद्य आपको बहुत ज्यादा दवाओं और शल्यचिकित्सा के बिना ही दर्द से आराम दिला सकता है I
दूसरा प्रभावशाली तरीका है कि आप दवाइयों के बिना ही दर्द से छुटकारा पाने के लिए मूव दर्द निवारक मरहम लगायें I यह पीड़ादायक और दर्दनाक मांसपेशियों पर अत्यंत प्रभावशाली है I यह मरहम 100 प्रतिशत आयुर्वेदिक घटकों से मिलकर बनी है I यद्यपि दर्द के अलग-अलग कारण हो सकते हैं I यदि दर्द 6 सप्ताह तक लगातार बना रहता है तब हाड वैद्य से परामर्श करना आवश्यक होता है I
दीर्घकालिक पेशीय पीड़ा
अत्याधिक व्यायाम करने वालों में यह समस्या सामान्यतः देखी जाती है I जैसा कि हम सभी जानते हैं कि नियमित शारीरिक गतिविधियों से पेशियों में प्रसार एवं संकुचन होता है I किन्तु कभी-कभी जब ये सामान्य अवस्था में नहीं आ पति हैं तब इनसे हमेशा बनी रहने वाली दीर्घकालिक पेशीय पीड़ा उत्पन्न होती है I
हाड वैद्य हमारी इस समस्या के समाधान के विशेषग्य होते हैं I इसके साथ ही ये आपको शारीरिक गतिविधियों को नियंत्रित करने के लिय सलाह भी देते हैं ताकि भविष्य में ऐसी कोई समस्या पुनः उत्पन्न न हो I