सर्दी और फ्लू दोनों ही वायरस के द्वारा होने वाली बीमारी हैं! प्रयोगशाला के शोध में वैज्ञानिकों ने तीन अलग अलग प्रकार के वायरसों कि खोज कि जिससे फ्लू होता है, लेकिन 200 से अधिक विभिन्न वायरस जो सर्दी का कारण बन सकते हैं - कभी-कभी "सामान्य जुकाम" के रूप में जाना जाता है। शीत और फ्लू सभी उम्र के बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक को प्रभावित कर सकता है।
सर्दी और फ्लू में अंतर कैसे स्पष्ट करें!
वैज्ञानिक प्रयोगशाला के परीक्षण के बिना यह कह पाना बहुत मुश्किल है कि क्या क्या है! हालांकि उनके लक्षणों में कुछ मतभेद हैं, लेकिन बहुत सारी समानताएं भी हैं। तो चलिए उन्हें देखें
सर्दी जुकाम के लक्षण |
फ्लू के लक्षण |
नाक बहना - पहली बार में साफ़ श्लेष्म के साथ सर्दी, फिर आगे चलकर मोटा, हरा श्लेष्म |
बुखार - यह अचानक आ सकता है - शरीर का तापमान 37.8-40⁰C (100-104⁰एफ) तक जा सकता है |
नाक बंद होना |
पसीना आना |
कफ होना |
सूख कफ होना, सीने में दर्द |
छींक आना |
अत्यधिक थकावट पीड़ितों को सोने और आराम करने की आवश्यकता महसूस हो सकती है |
गले में दर्द |
नाक बहना एवं छींकना |
बुखार, थकावट और मांसपेसियों में दर्द |
सरदर्द |
सरदर्द |
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एक अन्य महत्वपूर्ण अंतर मौसम का प्रभाव है। जबकि फ्लू मौसमी हो जाता है - सर्दियों के महीनों के दौरान, शीत वर्ष भर में अनुभव की जा सकती है। इसका कारण यह है कि फ्लू वायरस को जीवित रहने ,ठंडे वायरस की तुलना में अलग-अलग स्थितियों की आवश्यकता होती है। इसके अलावा, फ्लू वायरस शुष्क, ठंड, सर्दी हवा में लंबे समय तक बने रहते हैं।